- राजुरा में आस्था और उल्लास के साथ मनाया गया छठपर्व
- शुभकामनाएं देने स्थानीय नेता भी आ रहे नदी तट पर
- छठपर्व को देखने के लिए स्थानीय लोगों की भी उमड़ रही भीड़
- क्यों मनाया जाता है छठ पर्व, क्या कहा महिलाओं ने, देखें व्हिडीओ...
आमचा विदर्भ - ब्यूरो रिपोर्ट्स
राजुरा -
आस्था और भक्ति के महान पर्व छठपूजा चौथे दिन सूर्यदेव को अर्ध्य देकर संपन्न हुई. राजुरा तहसील के सैकड़ों उत्तर भारतीय पुरुषों और महिलाओं ने अगले दिन सूर्यास्त और सूर्योदय के समय वर्धा नदी के तट पर अर्ध्य देकर एंव दीप और सूर्य की पूजा कर पर्व को संपन्न किया.
छठपर्व पर वर्धा नदी के तट पर बड़ी संख्या में महिलाएं एकत्रित हुई. वहां पूजा सामग्री सजाई गई और सूर्यास्त के समय अर्ध्य दिया गया. अगले दिन सूर्योदय के समय अर्ध्य देकर सूर्य देव की पूजा की गई. इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे नदी तट पर आये थे. महिलाओं ने पूजा और अर्ध्य अर्पित कर मनोकामनाओं की पूर्ति और सुखी रहने का आशीर्वाद मांगा. परंपरा के अनुसार यह अर्ध्य भगवान सूर्य की पत्नी उषा को दिया जाता है. इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं ऐसी भक्तों की भावना होती है. इसके बाद महिलाओं ने प्रसाद बांटकर और बड़ों से आशीर्वाद प्राप्त कर 36 घंटे का उपवास समाप्त किया. इस छठपूजा में काशिनाथ सिंग, राधेश्याम सिंग, शत्रुघ्न वर्मा, अमृता सिंग, स्मिता सिंग, वर्षा सिंग, सरिता वर्मा, किरण सिंग, सुनैना मौर्य, सोनाली वर्मा, मधुमालती सिंग, ललिता सिंग, गीता सिंग, राधिका वर्मा इनके साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया.
राजुरा परिसर औद्योगिक क्षेत्र रहने से यहां बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय परिवार रहते है, यहां छठपूजा पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. यहां वर्धा नदी के अलावा गोवरी-धोपताला में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिलाएं व्रत लेती हैं. वोटबैंक के लिए अब इस पर्व में यहां के राजनीतिक नेता भी शुभकामनाएं देने आने लगे हैं. साथ ही छठपूजा पर्व को देखने के लिए स्थानीय लोगों की भीड़ भी उमड़ती नजर आ रही है.
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