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Title: नांदाफाटा स्थित शिव मंदिर में कांवड़ यात्रा का आयोजन
Author: Aamacha Vidarbha
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नांदाफाटा स्थित शिव मंदिर में कांवड़ यात्रा का आयोजन भगवान भोलेनाथ का किया जलाभिषेक ’बम बम भोले’ के जयकारों से पूरा परिसर हुआ शिवमय धनराजसिं...
नांदाफाटा स्थित शिव मंदिर में कांवड़ यात्रा का आयोजन
भगवान भोलेनाथ का किया जलाभिषेक
’बम बम भोले’ के जयकारों से पूरा परिसर हुआ शिवमय
धनराजसिंह शेखावत - आमचा विदर्भ प्रतिनिधी
गडचांदुर -
कोरपना तहसील के नांदाफाटा स्थित शिव मंदिर की ओर से पहली बार कावड़ यात्रा आयोजित की गई थी। इसमें बड़ी संख्या में शिवभक्तों ने शामिल होकर कावड़ में जल लाकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया।
पूरे उत्तर भारत में हर साल श्रावण मास में लाखों की तादाद में कांवडिये सुदूर स्थानों से आकर गंगा जल से भरी कांवड़ लेकर पदयात्रा करके अपने गांव वापस लौटते हैं इस यात्रा को कांवड़ यात्रा बोला जाता है। श्रावण की चतुर्दशी के दिन उस गंगा जल से अपने निवास के आसपास शिव मंदिरों में शिव का अभिषेक किया जाता है। कहने को तो ये धार्मिक आयोजन भर है, लेकिन इसके सामाजिक सरोकार भी हैं। कांवड के माध्यम से जल की यात्रा का यह पर्व सृष्टि  शिव की आराधना के लिए हैं। पानी आम आदमी के साथ साथ पेड पौधों, पशु - पक्षियों, धरती में निवास करने वाले हजारो लाखों तरह के कीडे-मकोडों और समूचे पर्यावरण के लिए बेहद आवश्यक वस्तु है। 
कुछ विद्वानों का मानना है कि सबसे पहले भगवान परशुराम ने उत्तर प्रदेश के बागपत के पास स्थित 'पुरा महादेव' का कावड़ से गंगाजल लाकर जलाभिषेक किया था। परशुराम, इस प्रचीन शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए गढ़मुक्तेश्वर से गंगा जी का जल लाए थे।
इसी के प्रतीक स्वरूप शिव मंदिर, नांदा फाटा की और से पहली बार भव्य कावड़ यात्रा का आयोजन किया गया। गंगाजल के स्वरूप में संगोड़ा नदी से जल दूध डेयरी के हनुमान लाया गया। उसमे गंगाजल डालकर पंडितजी द्वारा विधिवत पूजन कर सभी कावडियो के कलश में भरा गया।  कावड़यात्रा की शुरुवात दूध डेयरी स्थित हनुमान मंदिर से निकलकर नांदा रोड के मुख्य बाजार से होते हुए शिवमन्दिर पहुंची । रास्ते में कई जगह पर कावडियो पर स्थानीय लोगो ने फूल बरसाकर उनका अभिनंदन किया। कावड़ियो द्वारा ’हर हर महादेव’, ’बम बम भोले’ और ’बोल बम का नारा है, बाबा का सहारा है’ जैसे नारों से से पूरा शहर शिवमय हो गया था। 
शिव मंदिर में पहले से उपस्थित पुरषोत्तम आसवले, माजी उपसरपंच नांदा, रत्नाकर चटप सर, भाजपा के गडचांदुर शहर अध्यक्ष सतीश उपलंचीवार, निलेश ताजने भाजपा युवा नेता, हरीश घोरे, गडचांदूर शहर भाजपा महामंत्री, हरी बोरकुटे, आदि लोगो ने कावड़ियों पर फूल बरसाकर और सतीश उपलंचीवर ने सभी कावडियो को चंदन तिलक लगाकर सभीका स्वागत किया। उसके बाद सभी कावडियो ने लाया गया जल पूरी श्रद्धा और भक्तिभाव से शिव जी पर चढ़ाया गया।
आयोजित कावड़ यात्रा में मदन सिंह चंदेल, बलवंत सिंह चौहान, प्रमोद साहू, उमेश सोनी, डॉ. सोनी, मनोज यादव, बालेश्वर प्रसाद, सौरव दास, सुनील प्रसाद, कमलेश उपाध्याय, विनोद साहू, चंद्रमोहन, नथनी सदा, भोला सहित अनेक नागरिकों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन को सफल बनाने हेतु शिव मंदिर के पुजारी पंकज पांडे, शुगर मिश्रा, सुमेंद्र ठाकुर, गोविंद गुप्ता, धनराज सिंह शेखावत आदि ने विशेष सहयोग किया।

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