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Title: आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल आवारपुर में जेई टीकाकरण की शुरुवात
Author: Aamacha Vidarbha
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आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल आवारपुर में जेई टीकाकरण की शुरुवात डॉ. बावने ने दी जापानी इंसेफेलाइटिस (ब्रेन फीवर) के बारे में जानकारी ए.बी.पी.ए...

  • आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल आवारपुर में जेई टीकाकरण की शुरुवात
  • डॉ. बावने ने दी जापानी इंसेफेलाइटिस (ब्रेन फीवर) के बारे में जानकारी
  • ए.बी.पी.एस. के करीब 800 बच्चो को लगाई गई जेई वैक्सीन
धनराजसिंह शेखावत - आमचा विदर्भ प्रतिनिधी
गडचांदूर -
जिले मे चल रही एन्सेफलायटीस लसीकरण मोहीम के तहत आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल, अवारपुर में  लसीकरण की शुरुवात की गई. 1 ते 15 वर्ष के सभी बच्चों को यह वैक्सीनदी जा रही हैं. 
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, विरूर गाड़ेगांव के वैद्यकीय अधिकारी डॉ. बावने ने बच्चो और पालकों को जानकारी देते हुए जापानी एन्सेफलायटीस क्या है इस बारे में विस्तार से जानकारी दी.  जापानी इंसेफेलाइटिस (ब्रेन फीवर) एक गंभीर विकलांगता है. जापानी इंसेफेलाइटिस यह रोग संक्रमित मच्छरों द्वारा केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में फैलता है, जिससे गंभीर जटिलताएं होती हैं और कई बार मरीज की मृत्यु भी हो सकती हैं. 

जेई रोग का कारण क्या है?
आपको संक्रामक क्यूलेक्स मच्छर (ई) मिलते हैं, ये मच्छर हमेशा धान के खेत में रहते हैं, वायरस मानव मस्तिष्क में प्रवेश करता है और रीढ़ की हड्डी को मार देता है.  जल पक्षी और  सूअर, गधे जैसे जानवर इस रोग का मेजबान बताया.  संक्रमित लोगों के शरीर में वायरस की संख्या बढ़ने के कारण यह बीमारी होने की जानकारी दी. 

महत्वपूर्ण जानकारी
जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) संक्रमित मच्छरों के काटने से फैल सकता है जो बरसात के मौसम के दौरान और बाद में रुके हुए पानी में रहते हैं. जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) से पीड़ित बच्चे को तेज बुखार, सिरदर्द, मतली, अवसाद, बेहोशी, कंपकंपी, मरोड़, लकवा और यहां तक ​​कि मौत भी हो सकती है.  इस रोग से ग्रसित एक तिहाई बच्चे जीवन भर के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से विकलांग भी होने संभावना होती हैं. 
आगे डॉ. बावने ने बताया कि जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) वैक्सीन की एक सरल रोकथाम है.  1 से 15 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को इस घातक बीमारी से बचाने के लिए इस अवसर को न चूकें.  साथ ही उपस्थित बच्चो और पालकों को दोबारा तेजी से फैल रहे कोविड 19 के डेल्टा और ओमिक्रोन वायरस से बचने के लिए भीड़ की जगह से बचने, मास्क लगाने और सैनिटाइजर का उपयोग करने की सलाह दी.  स्कूल के करीब 800 बच्चो को वैक्सीन लगाई जाने की जानकारी दी. 
इस मोहिम को सफल बनाने के लिए आदित्य बिरला पब्लिक स्कूल अवारपुर के प्रधानाचार्य जी.एस. माथुर, नागेश, डॉ. सुनीता नरूला, अंजली तायडे, सुनील तायडे, सचिन घायर, संगीता बनकर, नागेश्वर, सोनाली, गौरी, जोस्मिन, सरोज, अलीशा के साथ अनेक शिक्षकों ने इस आयोजन के लिए परिश्रम किया. 20 साल तक भारतीय सेना में शामिल रह चुके सुरक्षा विभाग के अधिकारी अनिकेत जोशी ने इंजेक्शन से घबरा रहे कुछ बच्चो की विशेष हौसला अफजाई करते हुए बच्चो को भविष्य में देश का बहादुर सिपाही बताया.  विरुर गाड़ेगांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सीएचओ अश्विनी राहुलगड़े, वैधकीय अधिकारी डॉ. रमेश बावने, आरोग्य सहायक माथनकर, नर्स चन्ने, गादम, श्रीमती कुलमेथे, सचिन झाड़े, मोटघरे आदि स्वास्थकर्मी उपस्थित थे. 

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