चंद्रपुर -
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अहिंसा के मार्ग पर चलकर कई कई बार ब्रिटिश हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर किया। सत्य और अहिंसा के सिद्धांत ही उनकी ताकत थे। बिना हथियार के कैसे अपने अधिकार को हासिल किया जा सकता है। इसकी उन्होंने दुनिया भर के सामने एक शानदार मिसाल दी।स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी ऐसा विचार पर्यावरण संवर्धन व विकास समिति के अध्यक्ष दलित मित्र व आदिवासी सेवक डि. के. आरिकर इन्होंने वनविभाग विश्रामगृह, चंद्रपुर में आयोजित महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जयंती कार्यक्रम 2 अक्टूबर 2022 को व्यक्त किया। इसी प्रकार लालबहादुर शास्त्री ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देश को प्रगति के पथ पर ले जाने का महत्वपूर्ण कार्य किया। इसलिए इन दोनों भारतरत्नों को देश कभी भुला नही सकता ऐसा उक्त कार्यक्रम में डि. के.आरिकर ने कहा। सर्वप्रथम महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा को उपस्थित मान्यवरो के हाथों माल्यार्पण कर आदरांजली दी गई।
इस जयंती के कार्यक्रम में पर्यावरण संवर्धन व विकास समिति के अध्यक्ष डी.के. आरिकर, सचिव हरीश ससनकर, हरीश सहानी, महिला अध्यक्ष वर्षा ताई कोठेकर, वनश्री मेश्राम, प्रवीण जुमड़े, रानी येलेकर, सुनील ढेकले इनकी उपस्थिति थी। कार्यक्रम में पर्यावरण संवर्धन विकास समिति के पदाधिकारी भी उपस्थित थे। जयंती कार्यक्रम की प्रस्तावित हरीश ससनकर ने दी तो संचालन प्रवीण जुमड़े ने और आभार राणी येलेकर इन्होंने माना।
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