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Title: वेकोलि बल्लारपूर क्षेत्र खदान क्षेत्रों में खडे पेड़ों की बेरहमी से कटाई
Author: Aamacha Vidarbha
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वेकोलि बल्लारपूर क्षेत्र खदान क्षेत्रों में खडे पेड़ों की बेरहमी से कटाई वेकोलि प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान आमचा विदर्भ - न्यूज नेटवर्क राजुरा ...
वेकोलि बल्लारपूर क्षेत्र खदान क्षेत्रों में खडे पेड़ों की बेरहमी से कटाई
वेकोलि प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
आमचा विदर्भ - न्यूज नेटवर्क
राजुरा -
पर्यावरण का संतुलन बनाये रखने के लिए पेड़ पौधों की भूमिका अहम होती है. पर्यावरण के संवर्धन के लिए सरकारें प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च कराती है. गत तीन दशकों से जंगल व्याप्त क्षेत्रों में सिंचाई प्रकल्प में चालीस प्रतिशत राशि मिलाने के बावजूद मंजूरी नहीं मिल पाने से रुके हुए है. और इधर अज्ञातों द्वारा वेकोलि बल्लारपूर क्षेत्र की खदान परिसरों से बगैर अनुमति के दो से ढाई फिट गोलाई के हरेभरे पेड खुलेआम काटकर ट्रैक्टरों से भरकर ले जाये जा रहे है, बावजूद इसके वेकोलि प्रशासन की अनदेखी समझ से परे है‌. 
औद्योगिक क्षेत्रों में पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के लिए प्रतिवर्ष लाखों रुपये खर्च कर ओबी डम्पिंग पर प्रतिवर्ष पौधरोपण किया जाता है. पौधरोपण का यह सिलसिला गत दो दशकों से चल रहा है. जिससे अपेक्षा से अधिक झुड़पी जंगल में यह परिसर व्याप्त होता गया जिस वजह से खरगोश, मोर, सुअर, हिरन, चीतल जैसे वन्य प्राणियों में इजाफा हुवा बढती शिकार देखते हुए बाघों का विचरण भी खदान परिसरों में देखा गया. कइयों बार राहगीरों एंव नागरिकोंको बाघों के दर्शन होते रहे है. मात्र बाघों के विचरण से कोई हताहत होने की घटना इन क्षेत्रों में नहीं घटी. 
सास्ती उपक्षेत्रीय खदानों से दो से ढाई फीट गोलाई के बड़े बड़े पेड़ दिन दहाड़े काटकर तीन व्यक्ति ट्रैक्टरों में भरकर ले जा रहे है. फिर भी वेकोलि प्रशासन की अनदेखी समझ से परे है. जहां एक और अपने ही खेत के इक्का-दुक्का पेड़ कटाने के लिए वन विभाग की मंजूरी के लिए चक्कर कटाने पड़ते है वहीं यहां बेख़ौफ़ होकर गैरकानूनी तरीके से बेरहमीसे पेड़ काटे जा रहे है. वेकोलि प्रशासन ने इस और ध्यान देकर दोषियों पर सख्त करवाई करने की मांग इंटक नेता आर.आर. यादव, पत्रकार एम.के. सेलोटे, एचएमएस के गणेश नाथे ने वेकोलि प्रबंधन से की है.

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