Aamacha Vidarbha Aamacha Vidarbha Author
Title: CMPDI को MECL में मर्ज करने संबंधी मामले में आया नया मोड़
Author: Aamacha Vidarbha
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CMPDI को MECL में मर्ज करने संबंधी मामले में आया नया मोड़ भारतीय मजदूर संघ ने किया खुलासा आमचा विदर्भ - ब्यूरो रिपोर्ट्स नई दिल्ली - सेंट्रल ...

  • CMPDI को MECL में मर्ज करने संबंधी मामले में आया नया मोड़
  • भारतीय मजदूर संघ ने किया खुलासा
आमचा विदर्भ - ब्यूरो रिपोर्ट्स
नई दिल्ली -
सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई) को मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (एमईसीएल) में मर्ज किए जाने के निर्णय की खबर में नया मोड़ आया है।
बताया गया है कि सीएमपीडीआई कोल इंडिया के साथ बनी रहेगी। बल्कि एमईसीएल को सीएमपीडीआई में विलय किया जाएगा। भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के महामंत्री सुधीर घुरडे ने संगठन द्वारा आंदोलन की चेतावनी के पत्र के संबंध में कोयला मंत्री श्रीमान प्रल्हाद जोशी से फोन पर बात की. कोयला मंत्री द्वारा संगठन को आश्वस्त किया गया कि सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग नही किया जायेगा। बल्कि एमईसीएल का विलय सीएमपीडीआई में किया जाएगा। इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर कारवाही प्रारंभ की जाएगी। 
श्री घुरडे ने बताया कि संघ की ओर से केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी को पत्र लिखकर सीएमपीडीआई को एमईसीएल में मर्ज किए जाने के निर्णय को लेकर नाराजगी व्यक्ति की गई थी। उन्हें बताया गया था कि इस फैसले से कोयला उद्योग में खासा आक्रोश है और औद्योगिक शांति भंग हो सकती है। कोयला मंत्री को उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी गई थी।
एबीकेएमएस के महामंत्री सुधीर घुरडे के अनुसार पत्र लिखे जाने के बाद संगठन को जानकारी दी गई कि सीएमपीडीआई का विलय एमईसीएल में नहीं किया जाएगा, बल्कि एमईसीएल को सीएमपीडीआई में मर्ज किया जाएगा। संघ के महामंत्री ने बताया कि इस संदर्भ में कोयला एवं खान मंत्रालय ने कार्यवाही शुरू कर दी है और शीघ्र ही एमईसीएल के सीएमपीडीआई में विलय संबंधी आदेश जारी कर दिया जाएगा।
श्री घुरडे ने बताया कि रविवार रात आठ बजे कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी से इस संदर्भ में चर्चा हुई है। कोयला मंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि सीएमपीडीआई में एमईसीएल का विलय किया जाएगा और एक सप्ताह के भीतर इस पर निर्णय ले लिया जाएगा।
एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट में स्वतंत्र अस्तित्व को बताया गया था आवश्यक
इस सम्बन्ध में एक एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि CMPDI के वर्तमान संरचनात्मक ढांचे को बरकरार रखना कोल सेक्टर एवं पूरे देश के संपूर्ण हित में होगा। CMPDI कोल इंडिया, कोयला मंत्रालय के साथ-साथ अन्य को भी सर्वश्रेष्ठ सेवा दे रहा है। कोल सेक्टर की जरूरतों को पूरा करने के लिए CMPDI का वर्तमान ढांचा सबसे उचित है। देश के कोल सेक्टर को कॉमर्शियल माइनिंग के लिए खोल दिया गया है। ऐसे समय में CMDPI को कोल इंडिया से अलग कर स्वतंत्र कंपनी बनाने की सोच उचित नहीं है। वर्तमान में व्यावसायिक समझौते के तहत CMPDI कोल इंडिया के अलावा कोयला मंत्रालय के अन्य क्लाइंट्स टिस्को, सेल, एनटीपीसी, नालको, ओसीपीएल, महगेनको, जेएसडीएमसी, जीएसइसीएल, जेएसडब्ल्यू, जेएसपीएल, सीएमडीसी के अलावा गैर कोल खनिज के एमओआईएल, एचसीएल, एनएलसी, हूती गोल्ड माइन को सेवा दे रहा है। 
यहा यह भी बता दें MECL खनन मंत्रालय की एक मिनी रत्न कंपनी है। इसका मुख्यालय नागपुर में है। वर्तमान में इसके करीब 1100 कर्मचारी हैं।  MECL ने पिछले वित्त वर्ष में 146 करोड़ का लाभ अर्जित किया था। 

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