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Title: भक्तामर स्तोत्र के श्लोकों से तनाव और व्याधियों से मुक्ति
Author: Aamacha Vidarbha
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भक्तामर स्तोत्र के श्लोकों से तनाव और व्याधियों से मुक्ति महिला दिवस के अवसरपर जैन चेतना एकता महिला मंडल ने किया सेमिनार का आयोजन  आमचा विदर...

  • भक्तामर स्तोत्र के श्लोकों से तनाव और व्याधियों से मुक्ति
  • महिला दिवस के अवसरपर जैन चेतना एकता महिला मंडल ने किया सेमिनार का आयोजन 
आमचा विदर्भ - ब्यूरो रिपोर्ट्स
चंद्रपुर -
जैन समाज के महिला-पुुरुष भक्तामर स्तोत्र के श्लोकों से जीवन को चिंता, तनाव, रोग व परेशानियों से मुक्त होने का प्रयोग कर रहे हैं. उपचार की इस जैन मैथड से जीवन की 48 तरह की बाधाओं के समाधान का दावा किया गया है. भक्तामर स्तोत्र के 48 काव्य पर शोध से सामने आया कि किस काव्य से कौन-सी परेशानी दूर हो सकती है. भक्तामर स्तोत्र का प्रयोग करना आश्चर्यनजक है. हर प्रयोग ने लोगों को रोग व तनाव से मुक्त किया और शांति दी है. 
8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर जैन चेतना एकता महिला मंडल की और से भक्तामर स्तोत्र के द्वारा स्वास्थ्य लाभ कैसे उठा सकते है. इस विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन सराफा लाईन स्थित जैन मंदिर उपाश्रय में लिया गया. नागपुर से पधारी डॉ. ज्योति बांठिया (PHD) ने सेमिनार को संबोधित किया. सेमिनार में सैंकडों महिला एंव पुरुषों ने सहभाग लिया. उल्लेखनीय है की यहां जैन समाज में यह काय॔क्रम पहली बार हुवा. सफलतार्थ संस्था की अध्यक्षा सौ. सूर्या खजांची, लता कोठारी, सुधा सिंघवी, भारती गुंदेचा, नीता सिंघवी, दीपा कोठारी, सुलोचना तालेरा एंव मंडल की पदाधिकारियों व सदस्यों ने योगदान दिया. साथ ही जिनदत मंडल के अध्यक्ष गौतम कोठारी, रोहित पुगलिया, राजेन्द्र उर्फ राजू लोढा इन्होने भी योगदान दिया.

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