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Title: वेकोलि सुब्बई-चिंचोली परियोजना नौकरी के मुद्दे पर वेकोलि ने खड़े किये हाथ
Author: Aamacha Vidarbha
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वेकोलि सुब्बई-चिंचोली परियोजना नौकरी के मुद्दे पर वेकोलि ने खड़े किये हाथ वेकोलि प्रशासन प्रकल्पग्रस्तों को राशि देकर पल्ला झाडने की फ़िराक मे...

  • वेकोलि सुब्बई-चिंचोली परियोजना
  • नौकरी के मुद्दे पर वेकोलि ने खड़े किये हाथ
  • वेकोलि प्रशासन प्रकल्पग्रस्तों को राशि देकर पल्ला झाडने की फ़िराक में
  • वेकोलि बल्लारपुर महाप्रबंधक कार्यालय को ताला जडने वाले प्रकल्पग्रस्त अब रोकेंगे कोयला परिवहन
  • वेकोलि के नौकरी ना देने के फैसले से 205 किसानों का भविष्य आधार में
आमचा विदर्भ - ब्यूरो रिपोर्ट्स
राजुरा -
आज वेकोलि बल्लारपुर क्षेत्र महाप्रबंधक कार्यालय में सुब्बई-चिंचोली परियोजना प्रकल्पग्रस्त किसानों के साथ हुई बैठक में वेकोलि ने नौकरी देने में असमर्थता जतला दी. जिससे 12 सालों से लंबित इस परियोजना के 205 किसानों में मायूसी छा गई साथ ही वेकोलि तथा प्रशासन ने उनकी जिंदगी के 12 साल बरबाद कर दिए इसलिए रोष भी जाहिर किया. 
आज वेकोलि बल्लारपुर क्षेत्र महाप्रबंधक कार्यालय में सुब्बई-चिंचोली परियोजना प्रकल्पग्रस्त किसानों के साथ बैठक हुई. जिसमें वेकोलि अधिकारीयों ने पुराना कारण बता कर नौकरी देने में असमर्थता जतला दी. इस बैठक में प्रकल्पग्रस्तों के प्रतिनिधि मंडल ने भी नौकरी के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा ऐसा साफ शब्दों में वेकोलि अधिकारीयों को बतला दिया. प्रकल्पग्रस्तों ने जमीन का मुआवजा और रोजगार देने पर जोर दिया वहीं वेकोलि अधिकारीयों ने प्रकल्पग्रस्तों को प्रति हेक्टेयर करीब चालीस लाख रुपये देने का तरीका अपनाया जिससे मामला पेचीदा हो गया. बैठक में आगे और चर्चा के दरम्यान समझौता करने के लिए प्रकल्पग्रतों ने यह मांगे रखी. 
  • वेकोलि को 205 परियोजना प्रभावित किसानों को नौकरी हर हाल में देनी ही होगी.
  • वेकोलि को मुआवजे की राशि में एक लाख का अंतर दे सकते हैं लेकिन नौकरी हर हाल में देनी ही होगी.
  • वेकोलि सुब्बई-चिंचोली परियोजना नहीं सुरु करना चाहे तो वेकोलि प्रकल्पग्रतों को बल्लारपुर क्षेत्र में कहीं भी नौकरी दें, इसके लिए आपत्ति नहीं है लेकिन नौकरी हर हाल में देनी ही होगी.
मगर वेकोलि प्रशासन ने नौकरी देने के मुद्दे पर हाथ खड़े कर दिए. जिससे प्रकल्पग्रस्तों ने आंदोलन को तीव्र करने का इशारा देकर शीघ्र ही खदानों से कोयला परिवहन बंद करने की चेतावनी दी. साथ ही अब इसके बाद चर्चा केवल सीएमडी से करने की ही बात कही है. बैठक में प्रकल्पग्रस्तों की और से रोशन गौरकार, शरद चापले, जनार्दन पुप्पलवार, अनिल लोखंडे, चौधरी, बापूजी झाडे ने प्रतिनिधित्व किया. 
ज्ञात हो, 25 मार्च को सुब्बई-चिंचोली परियोजना प्रकल्पग्रतों ने सीजीएम कार्यालय को ताला जड़ दिया था. जिससे पुरादिन कार्यालयीन अधिकारीयों एंव कर्मियों को पेड़ के छांव की शरण लेनी पड़ी थी. 

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